भारत में बाढ़ – ‘पानी याद दिला रहा नानी’
वैसे तो भैयाजी रहीम जी जन – जन से कह गए – ‘ रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।’ और जन – जन को छोड़ प्रत्येक निर्जन को समझ में आ गया – ‘ कि पानी की ना हुई कदर, तो धरती बनेगी मून।’ तो फिर श्री मान और श्री मतीयों विशेष रूप से जो नये बने है – कैसे मनाओगे हनीमून? यह सवाल है हमारा आप से क्यों कि पंगा ले लिया हमने प्रकृति के बाप से; नाम है जिसका वाटर। चाहिए सबको चाहे मदर हो या फादर।
अब लिया है जब पानी बाबा से पंगा तो पक्का है होगा दंगा और तस्वीरें टीवी में आप देख ही रहे है – केरल में इंसान करेला बन गया तो राजस्थान में रेत। अब बाढ़ में डूब-डूब के पानी पीओ भरपेट। वैसे भी हम ने पानी का खूब खून पी लिया तो अब ब्याज सहित वसूल करेगा ही। वसूल क्या अब तो पानी बाबा ने तशरीफ़ के नीचे पूरा का पूरा त्रिशूल ही लगा दिया।
सीधी सी बात है कदर उसी की होती है जो कदर करता है। नारे तो हम बहुत लगाए जल ही जीवन है लेकिन दिखाई नहीं देता। तब दिखाई देता है जब जीवन जल में समा जाता है।
लोग चिल्ला चिल्ला के थक गए – ‘पानी बचाओ — पानी बचाओ’ अब हालत पानी ने ऐसे बना दिए कि लोगों को पानी से बचाओ।
तो यारियां फिल्म के सुपरहिट गीत के अनुसार – ‘आज भारत पानी – पानी , दिल याद करे नानी – नानी’
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